देश के सामने ब्लैक फंगस की चुनौती
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच म्युमायकोसिस या ब्लैक फंगस की एक अन्य चुनौती आ रही है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं। कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसे एक महामारी घोषित कर दिया है। पिछले वर्ष कोरोना फैलने की शुरुआत में भी ब्लैक फंगस के कुछ मामले आए थे लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार इलाज के दौरान स्टेरॉइड्स के अधिक इस्तेमाल के साथ ही गलत तरीके से इंडस्ट्रियल ऑक्सिजन या ऑक्सिजन कंस्ट्रेटर्स के इस्तेमाल ने इस बीमारी को बढ़ाया है। लगभग तीन दशक का अनुभव रखने वाले सीनियर फिजिशियन डा अजय मोहन अग्रवाल ने कहा कि ब्लैक फंगस के मामलों में आ रही तेजी का कारण इंडस्ट्रियल ऑक्सिजन का अधिक इस्तेमाल हो सकता है।
उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस होने के कारण हमारे वातावरण में मौजूद हैं। हालांकि, इससे पहले केवल कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को ही इसका खतरा होता था। स्टेरॉइड लेने वाले मरीज, डायबिटीज पर नियंत्रण नहीं रखने वाले लोगों की इम्युनिटी कमजोर हो सकती है और ऐसे में ब्लैक फंगस का एक संक्रमण के तौर पर शरीर पर हमला हो सकता है। (एजेंसी)
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