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AMU: साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक पर पांच दिवसीय आनलाइन कार्यशाला

 Five Day Online Workshop on Cyber Security and Digital Forensics

अलीगढ़, 31 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा ‘साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक’ विषय पर 5 दिवसीय आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों, पूर्व छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के कौशल को बढ़ाना और उन्हें ‘साइबर सुरक्षा और साइबर फोरेंसिक’ से संबंधित ज्ञान की वर्तमान स्थिति से अवगत कराना था।

कार्यशाला के लिए एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया, जिसमें 58 उद्योग क्षेत्र के पेशेवर, 242 शिक्षक और लगभग 685 छात्र शामिल थे। इसमें एएमयू के विभिन्न विभागों के प्रतिभागियों के अलावा भारत के 23 विभिन्न राज्यों के प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यशाला के लिए बांग्लादेश, जॉर्डन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने भी पंजीकरण कराया था।

उद्घाटन समारोह में, प्रोफेसर मोहम्मद अशरफ (डीन, विज्ञान संकाय) ने ऐसे विषयों पर कार्यशाला के आयोजन को समय की आवश्यकता करार दिया और इस प्रकार के सामयिक विषयों पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विभाग के प्रयासों की प्रशंसा की।

उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले डेढ़ साल में महामारी के दौरान वैश्विक लाकडाउन के कारण आईटी की पहुंच कई गुना बढ़ गई है। इस नए सामान्य में साइबर अपराधों और संभावित निवारक उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करना सर्वाेपरि है।

कंप्यूटर विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिम जफर ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों, ट्रेंडिंग कौशल और ‘साइबर सुरक्षा और साइबर फोरेंसिक’ से संबंधित ज्ञान की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की।

उन्होंने बताया कि विभाग ने आगामी महीनों में विभिन्न विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ क्षमता निर्माण के लिए कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित करने की योजना बनाई है, इन विषयों में बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, पायथन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम, इमेज प्रोसेसिंग, साइबर सिक्योरिटी एंड डेटा फोरेंसिक, इंफार्मेशन सिक्योरिटी, ब्लाकचौन, इंटरनेट आफ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, बायोइनफारमैटिक्स, सिमेंटिक वेब आदि शामिल हैं।

जेएनयू की डा मंजू खारी, श्री एस एच अब्बास मेहदी, निदेशक, एसटीपीआई, भोपाल, श्री विपिन गुप्ता, निदेशक, यू-नेट लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, मोगा, पंजाब, जेएनयू से डॉ करण सिंह, सुश्री विजय तिवारी, कार्यकारी निदेशक, तात्या विंग फेडरेशन, नोएडा, जिनके पास नेटवर्क उपकरणों और सूचनाओं के सुरक्षा पहलुओं के प्रबंधन का व्यापक अनुभव है, ने संसाधन व्यक्ति के रूप में कार्यशाला के तकनीकी इंटरैक्टिव सत्रों का संचालन किया। स्पीकर ने प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर दिया।

समापन सत्र में जीटीबी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली के महानिदेशक प्रोफेसर पीएस ग्रोवर ने समय पर एमएससी शुरू करने के लिए कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रयासों की सराहना की।

प्रो ग्रोवर ने दुनिया भर में हो रहे साइबर हमलों के लगातार बढ़ते मामलों के चिंताजनक आंकड़ों पर प्रकाश डाला और साइबर सुरक्षा के अनुशासन के अध्ययन की आवश्यकता और महत्व पर जोर दिया।

डॉ फैसल अनवर और डा मोहम्मद नदीम तकनीकी सत्रों के मॉडरेटर थे। प्रो तमन्ना सिद्दीकी, समन्वयक, ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और इस कार्यशाला के सह-समन्वयक डा अरमान रसूल फरीदी ने कार्यशाला के सत्रों का संचालन किया।

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